लखनऊ 17 मई, 2018
“गोरखपुर के गगहा थाने के दलितों का पुलिस उत्पीड़न बंद करो” यह बात आज एस.आर.दारापुरी पूर्व आई.जी. एवं संयोजक जन मंच ने प्रेस को जारी बयान में कही है. उन्होंने कहा है कि 2 दिन पहले गगहा थाना के अथौला गाँव में एक व्यक्ति द्वारा ग्राम समाज की खलिहान की ज़मीन पर अवैध निर्माण किया जा रहां था जिस पर दलितों ने आपत्ति की थी तथा इसकी सूचना पुलिस को दी थी. पुलिस ने दोनों पार्टियों को अगले दिन थाने पर बुलाया था. अगले दिन जब दलित थाने पर पहुंचे तो दबंग लोग पहले से ही मौजूद थे. कहा जाता है कि बातचीत के दौरान एक दबंग ठाकुर बिरेन्द्र चंद ने पुलिस का डंडा ले कर स्वयम ही दलितों को पीटना शुरू कर दिया और विरोध करने पर थानाध्यक्ष सुनील सिंह जो कि योगी का बहुत नजदीकी कहा जाता है, ने भी दलितों पर ही डंडे बरसाने शुरू कर दिए. इस पर एक दलित भाग कर दलित बस्ती चला गया और उस पर काफी दलित थाने पर पहुँच गये. जब उन्होंने थाने पर दलितों की पिटाई करवाने और करने का विरोध किया तो मामला बिगड़ गया. इस पर पुलिस वालों ने पहले उन पर डंडे बरसाए और फिर गोली चलाई जिससे तीन दलित बुरी तरह से घायल हो गये और मेडिकल कालेज में भर्ती हैं.
इसके बाद उच्च अधिकारियों के आने पर पुलिस ने बहुत भारी संख्या में दलित बस्ती पर चढ़ाई की तथा जो भी बच्चा, बूढ़ा और औरत मिली सब को बुरी तरह से मारा पीटा तथा घरों में तोड़फोड़ की. जो भी हाथ लगा उसको गाड़ी में भर कर थाने पर ले आये और अब तक 29 दलित जेल भेजे जा चुके हैं जिन पर संगीन अपराध दर्ज किये गये हैं. इस समय अथौला गाँव के सभी दलित गाँव छोड़ कर भगे हुए हैं और पुलिस घरों पर दबिश दे रही है. लगता है पुलिस योगी जी के सख्त प्रशासन के नाम पर दलितों को सबक सिखाने पर तुली हुयी है.
अतः जन मंच इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करके पक्षपात के दोषी पुलिस कर्मचारियों को दण्डित करने, निर्दोष दलितों को तुरंत रिहा करने तथा दलितों का पुलिस उत्पीडन तुरंत बंद करने की मांग करता है. यदि ऐसा शीघ्र नहीं किया जाता है तो दलित आक्रोश बढ़ सकता है और उग्र रूप ले सकता है.
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