किसान मजबूर है मौत को गले लगाने के लिए कहा जाता है ,जो पेट को पाले वह हमारा अन्नदाता और यही अन्नदाता आज बद से बदतर स्थिति में है |
किसान आंदोलन
किसान मजबूर है मौत को गले लगाने के लिए कहा जाता है ,जो पेट को पाले वह हमारा अन्नदाता और यही अन्नदाता आज बद से बदतर स्थिति में है |
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